पत्रकार रूबी सरकार बुधवार को दिल्ली में संजॉय घोष मीडिया अवॉर्ड से सम्मानित की गयीं। लेखन के माध्यम से गांव के सामाजिक मुद्दों को मीडिया में प्रमुखता दिलाने वाली पत्रकारिता को सामाजिक संस्था चरखा डेवलपमेंट कम्युनिकेशन नेटवर्क द्वारा सम्मानित किया जाता है। यह सम्मान उसी आयोजन में दिया गया।

🔵 रूबी सरकार भोपाल की हैं। आज के दिनों में पत्रकारों के व्यक्तित्व का प्रतीक बन गए कोई भी भी "गुण" उनके व्यक्तित्व में नहीं हैं। वे जितनी सहज हैं उतनी ही मृदुल हैं, जितनी मितभाषी हैं उतनी ही मृदुभाषी भी हैं। इतना चुपचाप और तकरीबन शोध छात्रा भाव के साथ काम करती हैं कि उनके लिखे को पढ़कर कई बार आश्चर्य भी होता है कि इतना कम और टू द पॉइंट बोलने वाली रूबी जी इतना स्पष्ट और समावेशी, इतना बेबाक और पारदर्शी कैसा लिख लेती होंगी ।
🔴 हम



खुशकिस्मत हैं कि वे हमारी दोस्त भी हैं। भोपाल की तरफ से उन्हें ढेर सारी शुभकामनाएं और कामना कि इसी तरह की अनेकानेक उपलब्धियां उनके खाते में जुड़ें - मध्यप्रदेश और छत्त्तीसगढ़ के गाँवों के सच पाठकों के बीच पहुंचें।
🔵 संजॉय घोष मीडिया अवॉर्ड 2022 से दो श्रेणियों में कुल 8 प्रतिभागियों को उनके लेखन के आधार पर सम्मानित किया गया है । श्रेणी 1 में जहां भोपाल से रूबी सरकार, राजस्थान से शेफाली मार्टिन, जम्मू कश्मीर से रेहाना कौसर और बिहार से सीटू तिवारी तथा अर्चना किशोर को सम्मानित किया गया, वहीं श्रेणी 2 में लेखन के आधार पर चयनित युवा किशोरियां नीराज गुर्जर राजस्थान से, दिल्ली से माला कुमारी और उत्तराखंड से डॉली गड़िया को सम्मानित किया गया। सभी श्रेणियों की विजेताओं ने समाज में ग्रामीण किशोरियों के समक्ष आने वाली चुनौतियों पर आलेख लिखा था।
🔺 कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि, नेशनल फाउंडेशन ऑफ इंडिया के चेयरमैन बिराज पटनायक ने काफी जरूरी बातें कहीं। उन्होंने कहा कि जनमानस को प्रभावित करने में मीडिया की भूमिका अहम है। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक एक समान विकास और सामाजिक समरसता को बनाए रखने में इसका किरदार प्रभावशाली है। लेकिन वर्तमान में मीडिया की भूमिका जनमानस के मीडिया की नहीं रही, केवल पत्रकार रह गए हैं। उन्होंने कहा आज भी पत्रकारिता ज़िंदा है, मगर मीडिया नहीं।
🔺 पटनायक ने कहा कि जब कुछ वर्ष पूर्व इसके विकल्प में सोशल मीडिया एक प्रभावी माध्यम के रूप में सामने आया था तब यह उम्मीद बनी थी कि यहां उन आवाज़ों को जगह मिलेगी जिसे मुख्यधारा की मीडिया में कवरेज नहीं मिलती है, लेकिन अभी भी यह लक्ष्य पूरा नहीं हो सका है. ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों से सामाजिक मुद्दों पर लिखने वालों को चिह्नित कर उन्हें फ़ेलोशिप के माध्यम से मंच प्रदान करना और मीडिया तक उनकी पहुंच बनाने का चरखा का प्रयास सराहनीय है। बिराज पटनायक ने चरखा के माध्यम से संजॉय घोष द्वारा शुरू किये गए कार्यों और उनके दृष्टिकोण को ग्रामीण समाज के विकास में अहम प्रयास बताया।
🔵 इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में अपने संबोधन में स्वाति सिंह ने मीडिया मे ज्यादा से ज्यादा महिलाओं और किशोरियों को आगे आने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि मीडिया के प्रमुख पदों पर पुरुष सत्तात्मक समाज का कब्जा है जिसे महिलाओं का इस क्षेत्र में आगे बढ़ना पसंद नहीं आता है। वह इनके लिए कई प्रकार से चुनौतियां खड़ी करने का प्रयास करता रहता है। उन्हें मानसिक रूप से हतोत्साहित करने का निरंतर प्रयास करता रहता है। लेकिन महिलाओं को इससे घबराने की जरूरत नहीं है। उनके सामने ऐसे चैलेंजेस और मुश्किलें आती रहेंगी। उन्होंने किशोरियों को मीडिया में बढ़चढ़ कर भागीदारी निभाने पर जोर दिया।
#लोकजतन परिवार रूबी सरकार को सलाम भेजता है और बाकी 7 सम्मानित पत्रकारों को भी बधाई और शुभकामनाएं देता है।